नागौर (राजस्थान) की जानकारी

नागौर : जोधपुर से १३२ कि.मी दूरी पर हैं और नागौर से ओसियामाता का मंदिर १०० कि. मी. दूरी पर हैं।

तीर्थाधिराज : श्री आदिनाथ भगवान, पद्मासनस्थ श्वेतांबर मंदिर,

प्राचीनता : प्राचीन ग्रन्थोंमें इसका नाम नागपुर रहने का उल्लेख है । किसी समय यह जैन धर्म का मुख्य केन्द्र था।

कला और सौंदर्य : यहाँ के मंदिरों में प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं । इस मंदिरमें काष्ठ से निर्मित एक दरवाजे की कला अति ही दर्शनीय हैं । मंदिर में काच का काम अति ही सुंदर ढंगसें किया हैं।

अन्य मंदिर : एक गुरु मंदिर है, दो दादावाडीयाँ हैं । स्टेशन के पास श्री चंद्रप्रभू भगवान मंदिर हैं। फोन : 01582-320675 मो. 09983249990 .

सुविधाएँ : ठहरने के लिए रेल्वे स्टेशन के पास श्री चंद्रप्रभू भगवान जैन धर्मशाला हैं।

नाहर कुल माता मंदिर : श्री भवानी माता नाहर गोत्र की कुल माता मंदिर की वर्तमान स्थिती : श्री भवानी माता का मंदिर नागौर दुर्गमें स्थित हैं । नाहर गोत्र के ओसवाल जातका और मुंढन हेतु नागौर दुर्ग के देवी के मंदिर आते हैं । यह मंदिर सुप्रसिद्ध नागौर किले के अंदर है । यह किला १०४० साल पुराना है । यह मंदिर नागौर दुर्ग की तरह पूर्व जोधपुर नरेश की व्यक्तिगत संपत्ति हैं । मंदिर परिसर उजाड और क्षतिग्रस्त है इसलिए जीर्णोद्धार की अत्यंत आवश्यकता हैं । वहाँ पर नवीन शामलालजी त्रिवेदी पूजारी है वह नाहर माता की आरती पुजा प्रसादी की व्यवस्था पूर्व सूचना पर करते हैं । फोन: ०१५८२-२४४३८७ मो.०९४१४४६८४७४